वार पीठ पर जो करता था वो हर ख़ंजर बदला है
वक़्त का तेवर देख के यारों अपना तेवर बदला है
उम्मीदें भर ली मन में,कमज़ोरी को ताक़त दी
अश्क़ आँख के पोंछे हमने और मुक़द्दर बदला है
वार पीठ पर जो करता था वो हर ख़ंजर बदला है
वक़्त का तेवर देख के यारों अपना तेवर बदला है
उम्मीदें भर ली मन में,कमज़ोरी को ताक़त दी
अश्क़ आँख के पोंछे हमने और मुक़द्दर बदला है