आँखों के रास्ते मेरे दिल में समा गया । न जाने कैसा जादू वो मुझको दिखा गया || आँगन में दिल के वो नयी कलियाँ खिला गया। मौसम जो पहले प्यार का आना था आ गया ||
समझाया दिल को आहटों का डर नहीं अच्छा। दिल का धड़कना बात-बात पर नहीं अच्छा ॥ यूँ जागना जगाना रात भर नहीं अच्छा । कुछ भी समझ न पाऊँ नशा कैसा छा गया || मौसम जो पहले प्यार का आना था आ गया ||
हर दिन है सुहाना सा हर इक रात अलग है । यूँ जिंदगी वही है मगर बात अलग है ॥ सावन नया-नया है बरसात अलग है । मीठी कसक है जिसकी सितम ऐसा ढा गया || मौसम जो पहले प्यार का आना था आ गया ||
अब घर को सजाऊँ मैं, कभी खुद को सजाऊँ । सबसे हर इक बात, हर एक राज छुपाऊँ । सखियों को भी बताऊँ तो मैं कैसे बताऊँ । दिल को भी कहाँ है ये खबर किस पे आ गया || मौसम जो पहले प्यार का आना था आ गया ||