जब धड़कन मद्धम – मद्धम हो,
गुम सपने हों, आँखें नम हो ।
दर्पण चेहरा न पहचाने
और समय नहीं कहना माने || खालीपन महसूस करूँ जब अपनो के संसार में ।
हमदम मेरे साथ मेरा तुम, दे देना तब प्यार में |
कोई कहे कि मैं गीतों की रानी हूँ।
कोई कहे गंगा का निर्मल पानी हूँ ।। बातों मे जादू आँखों में टोना है।
रूप मेरा ज्यों कोई सपन सलोना है ।। पाँव मेरे रुक जाएँ थक कर, रोना भी आसान नहीं हो ।
बन कर जीत चले आना तुम, मेरी हर एक हार में ।
हमदम मेरे साथ मेरा तुम, दे देना तब प्यार में ॥
जीवन भी रह जाए रुक कर ॥
होठों पर मुस्कान नहीं हो,
रोना भी आसान नहीं हो
बनकर जी चले आना तुम मेरी हर एक हार में I
हमदम मेरे साथ मेरा तुम दे देना तब प्यार में I
अभी तो सब रातें मेरी हैं, दिन मेरे । दिलों की कलियाँ खिलती नहीं हैं बिन मेरे ॥
बिन मेरे आँखों का जाम नहीं होता। क्या है जो मेरे ही नाम नहीं होता ॥ पल दो पल की रानी बनकर,
और लम्हों में कहानी बनकर ॥
नाम मेरा रह जाए खोकर, रह जाऊँ बस तेरी होकर ॥
हाथ मेरा तुम थामे रखना, जीवन की मँझधार में |
हमदम मेरे साथ मेरा तुम, दे देना तब प्यार में |