नही हम स्वार्थ पर फिसले ज़रा से खुरदुरे है हम।
वतन पर जां लुटा दें जो वही तो बाँकुरे हैं हम।
जो देखेंगे वो लिक्खेंगे, न सच कहने से चूकेंगे,
बुरा गर मानते हो तुम तो समझो फिर बुरे हैं हम।
नही हम स्वार्थ पर फिसले ज़रा से खुरदुरे है हम।
वतन पर जां लुटा दें जो वही तो बाँकुरे हैं हम।
जो देखेंगे वो लिक्खेंगे, न सच कहने से चूकेंगे,
बुरा गर मानते हो तुम तो समझो फिर बुरे हैं हम।