अधर से आह जो फूटी उसे हम ओम कर देंगे।

अधर से आह जो फूटी उसे हम ओम कर देंगे।
जमी के एक ज़र्रे को समूचा व्योम कर देंगे।।
चढा कर अर्घ्य प्राणों का करेंगे अर्चना तेरी
हवन में राष्ट्रभक्ति के ये सांसें होम कर देंगे।।

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