सुख का मौसम उसी शख्स की सदा प्रतीक्षा करता है,
सफर की अपने जो भी इकदम सही समीक्षा करता है,
चांद की चाहत लेकर जब हम अंबर का पथ चुनते हैं ,
कदम कदम पर समय हमारी कड़ी परीक्षा करता है।।
सब अपने अपने रंग में फ्लेवर में आ गए
तो हम भी अपने आप के तेवर में आ गये
ये खेल जो हिम्मत का हमने खेल दिया तो
थे जितने विरोधी सभी फ़ेवर में आ गए
जो दुनिया में आग लगा दे वही उजाला लेकर निकले।
प्यास बुझाने लोग जहर का अंबर प्याला लेकर निकले।
रेशम सी उम्मीद जगाई चुभन बांट कर चले गए
भला हमारा करने वाले हाथ में भाला लेकर निकले।।
शोर का स्वर सब बन सकते हैं सरगम होना मुश्किल है।
फूल की झुलसी पंखुड़ियों पर शबनम होना मुश्किल है।।
गुस्से में यूँ उबल रही इस दुनियां को ये समझाओ।
खंजर होना बहुत सरल है मरहम होना मुश्किल है ।।।