रुनझुन रुनझुन बाजे पायल ।

रुनझुन रुनझुन बाजे पायल । खन-खन-खन-खनके कंगन || झुमका गाये गीत मिलन के । आया मतवाला सावन ॥

जबसे मैंने साजन तुमसे प्रीत लगायी है। आँखे तो मेरी अपनी हैं नींद परायी है ।। ओढ़ लिये सपनों ने मेरे इन्द्रधनुष के रंग । और बहारें पग-पग चलती, हरदम मेरे संग || खुली कोंपलों-सा निखरा तन । बहका बहका जाये मन || झुमका गाये गीत मिलन के । आया मतवाला सावन ॥

मुख चन्दा तन हुआ चाँदनी यौवन ज्यों पूनम || खुद को समझैं ताजमहल और छुअन लगे रेशम || करूँ इशारा राह बदल दें, सूरज-चन्दा-तारे । मानों विधि को बाँध लिया हो, मैने अपने द्वारे ॥ महके महके पवन के झोंके और धरा चन्दन – चन्दन ॥ झुमका गाये गीत मिलन के । आया मतवाला सावन ॥

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